शिलालेख हटाने पर बिगड़ी बात, सहसपुर लोहारा में कैबिनेट मंत्री के कार्यक्रम के बीच हुआ हंगामा
जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पति और उपाध्यक्ष पति के बीच विवाद

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डॉ मिर्जा कवर्धा
चुनावी साल में विकास कार्यों का श्रेय लेने के लिए जनप्रतिनिधियों में होड़ मची हुई है। इसका ताजा उदाहरण शनिवार को जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा में देखने को मिला, जहां लोकार्पण शिलालेख हटाने को लेकर जनपद पंचायत अध्यक्ष पति धानुक वर्मा और उपाध्यक्ष पति शरद बांगली के बीच विवाद हो गया। कहासुनी बढ़ने पर उपस्थित लोगों ने दोनों को समझाइश देकर शांत कराया।
दरअसल स्वच्छ भारत मिशन एवं पंचायत सशक्तिकरण योजना के तहत 28.80 लाख की लागत से सभाकक्ष भवन का निर्माण किया गया है। लोकार्पण करने कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर आए हुए थे। तीन अलग-अलग शिलालेख बने थे, जिसमें से एक शिलालेख पर उन सदस्यों के नाम थे, जिन्होंने भवन निर्माण में अपने मद से सहयोग राशि दी थी। लेकिन जनपद अध्यक्ष पति धानुक वर्मा ने उक्त लोकार्पण शिलालेख को हटवा दिया। यह देखकर उपाध्यक्ष पति शरद उखड़ गए और अध्यक्ष पति के साथ कहासुनी हो गई। हंगामा बढ़ते देख बाकी सदस्यों ने बीच-बचाव किया और मामला शांत कराया।
सीईओ ने अलग से शिलालेख लगवाया, मैंने हटवाया: मामले में जनपद अध्यक्ष लीला धुनक वर्मा ने बताया कि जनपद सीईओ ने विशेष सहयोग वाला अलग से शिलालेख लोकार्पण में लगवाया था। उसमें सभी जनपद सदस्यों का नाम लिखा हुआ था। फिर ये तीसरा पत्थर विशेष सहयोग वाला, जिसमें 6 भाजपा व 4 कांग्रेस जनपद सदस्यों का अलग से नाम लिखा है, उसे हटवा दिया था। इसी को लेकर हंगामा हुआ।
कैबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर शनिवार को सहसपुर लोहारा के दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने ग्राम सहसपुर में 6 लाख 50 हजार की लागत से यादव समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया। मंत्री अकबर ने कवर्धा के वार्ड नंबर- 27 में 10 लाख रुपए की लागत से कंडरा समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया। समाज की मांग पर सामुदायिक भवन की घोषणा की गई और आज भवन निर्माण का लोकार्पण किया गया। सामुदायिक भवन निर्माण होने से सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए सहुलियत होगी। इसके बाद जनपद परिसर में नवनिर्मित सभा कक्ष का लोकार्पण करने के लिए पहुंचे, जहां पर हंगामा हुआ।
सभा कक्ष निर्माण में दिया पैसा: जनपद उपाध्यक्ष मंजू शरद बागली का कहना है कि हम सभी 11 जनपद सदस्यों, जिसमें 6 भाजपा और 5 कांग्रेस सदस्यों ने मिलकर इस सभा कक्ष के निर्माण में पैसा दिया था। इसलिए हमारा अलग से शिलालेख लगाया गया था जिसे जनपद अध्यक्ष ने गिरा दिया। इसकी वजह से हंगामा हुआ। जबकि बाकी बचे 14 जनपद सदस्यों ने पैसा अपने क्षेत्र के काम में लगाया था। ये सशक्तीकरण पुरस्कार में मिला पैसा था।